माँ बनने की लालसा ( सच्ची घटना ) ।

कल ही की बात थी , बच्चे के आने की खुशी मे कमला ने सभी को दावत दी थी। सारे रिश्तेदार और दोस्तों को बुलाया था। सभी उसकी खुशी में शामिल हुए सबने बच्चे को अपना प्यार और आशीर्वाद दिया लेकिन आज उसके घर मे सन्नाटा पसरा था, कमला चुपचाप एककोने मे बदहवास सी बैठीं थी। कमला अपने भाग्य को कोस रही थी, उसके साथ हुए हादसे का आकलन कर रही थीं की उससे कहाँ चूक हुई , उसके ही साथ ही ऐसा क्यों हुआ। बारह साल की तपस्या के बाद मिली खुशी पलभर मे क्यों छीन गई। दरलसल कमला की शादी को बारह वर्ष हो गये थे और दो बार गर्भवती भी हुई लेकिन हाईब्लडप्रेशर के कारण दोनों बार कमला माँ बनने के सुख से वंचित रह गई।

कमला स्कूल टीचर थी, उसके पति बैंक मैनेजर थे । हर तरह का सुख था उसके पास लेकिन सबसे बड़े सुख से वंचित थी ,उसे बस एक बच्चे की लालसा थी, लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था। कमला को बच्चे के लिए जो करने को कहता , वो सब करती लेकिन उसका कुछ परिणाम नहीं निकलता। विमला और कमला बचपन की सहेलियाँ थी दोनों एक -दूसरे से अपने दिल की बात करती।कमला, विमला के बच्चे से बहुत प्यार करती थीं। एक दिन विमला ने कमला से कहा – तुम बच्चा गोद क्यों नहीं ले लेती। तुम्हे माँ बनने का सुख मिल जाएगा और किसी बच्चे की जिंदगी भी सवर जाएगी. कमला को विमला का यह सुझाव बहुत ही अच्छा लगा, उसने इस बारे में कभी सोचा ही नहीं था। खैर कमला ने इस बात को अपनी पति को बताया, उन्हें भी यह सुझाव अच्छा लगा।

छह महीने बाद कमला और उसके पति को उनके एक मित्र की सहायता से एक बच्चा मिला लेकिन वह बच्चा प्रीमैच्योर था , इस बारे में उनके मित्र ने बताया था लेकिन कमला को माँ बनने की इतनी लालसा थी की वह उस बच्चे को गोद लेने को तैयार हो गई, खैर बच्चे को घर ले आए लेकिन प्रीमैच्योर होने के कारण उसे दस दिन अस्पताल में डाक्टरों के देख-रेख मे रखना पड़ा क्योंकि बच्चा बहुत ही कमजोर था। दस दिन बाद कमला उसे घर ले आई, एक महीने बाद बच्चे के नामकरण की पार्टी दी गई जिसमें सबने बच्चे को प्यार और आशिर्वाद दिया और उसके उज्जवल भविष्य की कामना की, सबकुछ ठीक चल रहा था लेकिन एक दिन अचानक बच्चे की तबीयत बिगड़ने लगी। बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाया गया लेकिन बच्चे को बचाया नहीं जा सका। कमला उसी शोक मे डूबी हुई थी लेकिन कमला ने हार नहीं मानी।

आज उसका घर बच्चों की शरारतों से गूंज रहा है। उसने अपने घर मे ही एक छोटा सा हाँस्टल खोल लिया है और उनकी पढाई का भार भी उठाया है, कमला उन बच्चों को बहुत प्यार करती हैं। देर से ही सही लेकिन भगवान ने उसकी माँ बनने की इच्छा को पूरी की।

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” धन्यवाद”