‘आई कैन रीड’ के साथ बच्चों में करें स्वयं पढ़ने की क्षमता का विकास

जैसा की हम सभी जानते हैं कि किताबें हमारी सच्ची मित्र होती है। बचपन से ही मुझे किताबें पढ़ने का बहुत शौक रहा है। मेरे पढ़ने के ललक को देखकर, मेरे पापा हमेशा मेरे लिए कहानियों की किताबें ले आते थे, जिन्हें मैं बड़े चाव से पढ़ती थी। आज मेरे पास किताबों की एक छोटी सी लाइब्रेरी है। किताबें हमें ज्ञान देने के साथ-साथ हमारा मार्गदर्शन भी करती है और जीवन जीने का ढंग सीखाती है।

यही आदत मैंने अपनी बेटी में डालनी शुरू की है। मैंने हमेशा उसे पढ़ने के लिए प्रेरित किया है। मैं, उसे शुरू से ही बेड टाइम स्टोरीज सुनाती आई हूं, जिस कारण उसे कहानी सुनना और कहानियों की किताबों के पन्नों पर बनाए गए चित्र देखना बहुत पसंद हैं। विगत ढ़ेड सालों से हम सभी एक भयंकर महामारी से जूझ रहे हैं, जिसके कारण हमारा संपूर्ण जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। पिछले साल से ही स्कूल बंद चल रहे हैं। ऐसे में स्क्रिन टाइम का बढ़ना, बच्चों को व्यस्त रखना, उनकी पढ़ाई की जिम्मेदारी, ये किसी चैंलेज से कम नहीं है। जैसा की हम सभी जानते हैं कि जन्म से लेकर छह साल तक बच्चों के ब्रेन का 90% तक विकास हो जाता है और इस उम्र में बच्चे बहुत क्रिएटिव होते हैं इसलिए सही समय पर, बच्चों को गाइड करना बहुत जरूरी होता है। ऐसे समय में बच्चों के स्क्रिन टाइम को कम करने, उनकी रीडिंग हैबिट को बढ़ावा देने के लिए किताबों से अच्छा विकल्प मुझे कुछ और नहीं लगा। लेकिन इस उम्र में बच्चों के लिए सही किताबों का चयन करना बहुत आवश्यक है। मैंने इंटरनेट पर इस बाबत सर्च किया तो मुझे हार्पर कॉलिंस इंडिया द्वारा बच्चों के लिए  ‘आई कैन रीड’ सब्सक्रिप्शन कार्यक्रम का विज्ञापन देखने को मिला।  कार्यक्रम की सदस्यता लेने के बारे में पढ़ने पर, मुझे पता चला कि प्रारंभिक शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए इसे सावधानीपूर्वक स्तरों में विभाजित किया गया है। उदाहरण के लिए – ‘माई फर्स्ट शेयर्ड रीडिंग’, इसमें शब्दों और पात्रों का उपयोग किया गया है। पहले स्तर में, छोटे वाक्यों, परिचित शब्दों और सरल अवधारणाओं का उपयोग किया गया है। दूसरे स्तर में,  कुछ बड़े शब्द और छोटे वाक्य शामिल हैं, जबकि  तीसरे स्तर में, स्वतंत्र पाठक के लिए जटिल भूखंडों, चुनौतीपूर्ण शब्दावली और उच्च-रुचि वाले विषय है।


इस किताब में पुरस्कार विजेता लेखकों और चित्रकार  द्वारा लिखी हुई कहानियां है और  चित्र शामिल हैं। जैसा कि नाम से पता चलता है, कार्यक्रम का उद्देश्य प्रत्येक बच्चे के लिए वर्गीकृत किए गए पाठ्यक्रम की सूची के माध्यम से स्वतंत्र रूप से पढ़ाने के लिए प्रेरित करना है। अगर आप शुल्क के बारे सोच रहे हैं तो निश्चिंत रहें, इसकी सदस्यता शुल्क काफी कम है। यहां आपसे 3 महीने की सदस्यता हेतु सिर्फ 1448 रूपये, 6 महीने की सदस्यता हेतु 2678 रूपये और 12 महीनों के लिए 5040 रूपये का शुल्क लिया जाता है, जिसमें 6 महीने के बाद, आपके बच्चे को बिना अतिरिक्त शुल्क के अगले स्तर की किताबें अपने आप मिल जाएंगी। प्रत्येक सदस्यता के साथ वे एक वेलकम पैक भेजते हैं, जिसमें नोटपैड गतिविधि पत्रक, शुरूआती पाठकों के लिए 100 युक्तियां और पेंसिल शामिल हैं। प्रत्येक 6 महीने और 12 महीने के पैक के साथ, हमें क्रमशः 1000 रूपये और 2500 रूपये की किताबें प्राप्त होंगी। तो आप देख सकते हैं कि ये वैल्यू पैक सब्सक्रिप्शन है जो कि उचित दाम पर मिल रहे है।

यह अमेरिका में एक सफल कार्यक्रम रहा है जो अब भारत में उपलब्ध है।  यह माता-पिता को हर महीने तीन किताबें, उनके घर पर पहुंचाने के साथ अपने बच्चे के लिए पढ़ने के स्तर की उपयुक्त किताबें खोजने की परेशानी से बचाने में मदद करेगा। बच्चे के लिए उपयुक्त स्तर चुनना आसान बनाने के लिए,  वेबसाइट पर प्रत्येक स्तर के लिए नमूना पृष्ठ उपलब्ध कराया गया हैं। जिससे माता-पिता  अपने बच्चों के लिए उचित स्तर का चयन कर सके।  इस अभियान का मुख्य उद्देश्य बच्चों को स्वयं पढ़ने के लिए प्रेरित करना है। मुझे इनका ये काॅंसेंप्ट बहुत अच्छा और अलग लगा इसलिए मैंने अपनी बेटी के लिए इसका सब्सक्रिप्शन ले लिया है। मेरी बेटी अब स्वयं पढ़ने की कोशिश करती है। आप क्या सोच रहे हैं ? जल्दी से इसका सब्सक्रिप्शन लीजिए?  इस प्रोग्राम का सब्सक्रिप्शन लेने के लिए इस लिंक पर जाएं और अपने बच्चे के उम्र के हिसाब से पैक को सब्सक्राइब करें।
https://harpercollins.co.in/icanread/

Language

nena are you mad, do you know he is dumb. how do you manage things – said Mamta

mom we are childhood friends and we love each other, we understand everything without even talking.

you are saying it because you are in love and love is always blind, reality is totally different.

mom you and Dad is married since 25 years but still you both are struggling to save your relationship, why.. why.. because there is no love between you, love is very important between any relationship – said nena

हिंदी पर गर्व करों, शर्म नहीं

आनन – फानन में दर्द से बिलखते मैं अपनी पाँच महीने की बच्ची को लेकर हास्पिटल पहुंची और मैंने रिशेप्सन काउंटर पर खड़ी युवती से पूछा की कोई बच्चे का डाँक्टर हैं अभी, मुझे अपने बच्चे को दिखाना हैं। डू यू हैब एनी अप्वाइंटमेंट?, इफ नाँट फस्ट टेक ए अप्वाइंटमेंट. आँफ्टर दैट यू कैन गो टू द डॉक्टर। मुझे कुछ समझ नहीं आया, क्या आप हिन्दी में बता सकती हैं? तो पहले तो मेरी तरफ हेय दृष्टि से देख रिशेप्सनिस्ट खीज कर बोली – मतलब की तुमने अप्वाइंटमेंट लिया है, अगर नहीं लिया तो पहले अप्वाइंटमेंट लो फिर तुम डॉक्टर को दिखा सकती हो। मैैंने पैसे जमा करकेे अप्वाइंटमेंट लिया। मैंनेे देेेखा वहां सब एक – दूसरे से इंग्लिश में ही बात कर रहे थे, हिन्दी कोई बोल ही नहीं रहा था।
वहां जितने भी लोग थे सब मुझे ऐसे हँसते हुए घूर रहे थे जैसे सब एक जोकर को देख कर हँसते हैं। लेकिन उस समय मेरा ध्यान अपने बच्चे पर था तो उस समय वो जलालत महसूस नहीं कर पाई। जब मेरी बारी आई तो डॉक्टर के कैबिन में गई, डॉक्टर ने पूछा – वाट हैपैनड टू बेबी? पता नहीं डाँक्टर एक घंटे से लगातार रो रही हैं, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा हैं – मैंने बोला । खैर डॉक्टर ने जब देखा की मैं हिन्दी में बात कर रही हूँ तब वो भी मुझसे हिन्दी में बात करने लगे।
डॉक्टर ने बच्चे को देखा और कहा की कुछ खास नहीं तुम्हारे बच्चे को गैस हो गया था। मैंने दवा लिख दिया हैं और इसे अभी एक बार दवाई दे दी हैं। आप इसे तीन बार पाँच मएल दे दिजिगा, नाँव यू कैन गो। मैं हड़बड़ा कर उठी और कैबिन से बाहर निकल गई। शायद दवाई के एक खुराक से मेरी बेटी को नींद आ गई और वो मेरे गोद में ही सो गई। तब मैंने चैन की साँस ली। कैबिन से बाहर निकलने के बाद मेरे साथ जो रिसेप्शन काउंटर पर हुआ वो मुझे अब जाकर समझ आया।
बाहर निकलने के बाद फिर से वही लोग मुझे देखने लगे जैसे मैंने कितना बड़ा पाप किया हो, मैं झेप गई और सोचा काश शोर्य शहर से बाहर नहीं गये होते तो मुझे ये सब नहीं झेलना पड़ता और जल्दी -जल्दी हाँस्पिटल से बाहर निकल गई। एक आँटो पकड़ा और रास्ते भर खुद को , अपने स्कूल को कोसते रही, अपने नेताओं को भी कोस दिया- क्यों बनाया हिंदी को मातृभाषा और राष्ट्र भाषा जब लोग हिंदी बोलने से कतराते हैं, कुछ लोगों की दलील है की जब कैरियर बनाने के लिए इंग्लिश भाषा जरूरी है तो हम हिन्दी क्यों बोले या क्यों पढे।
जब अपने देश में ही हिन्दी इतनी सतायी हुई हैं, सब इंग्लिश की ओर आकर्षित हो रहे हैं। आज इंग्लिश भाषा को लोग स्टेटस से जुड़ा मानते हैं, स्कूल से लेकर हर बड़े कंपनी में इंटरव्यू देना हो, हर तरफ इंग्लिश का वर्चस्व कायम हो गया हैं। दुख तो तब होता हैं जब अपने देश में हिंदी भाषा जानते हुए भी हिन्दी बोलने में शर्म महसूस करते हैं।
‘मैं इतना डर गई की कल को मेरा बच्चा भी कहीं मुझे ये न बोले की मम्मा आपको तो इंग्लिश नहीं आती’। जब मेरे पति वापस आए तो मैंने उन्हें पूरा वाकया सुनाया तो शोर्य ने मुझे शाबाशी दी और कहा मुझे तुम पर गर्व हैं जो तुम सही समय पर बच्ची को डॉक्टर के पास ले गयी और हिन्दी पर गर्व करो, शर्म नहीं। हिन्दी हमारी आत्मा में बसी है जो भाव हम अपनी भाषा में बोलकर व्यक्त कर सकते हैं, वो दूसरी भाषा में नहीं कर सकते। तब जाकर कहीं मुझे एक संतुष्टि हुई , क्या हुआ गर मुझे इंग्लिश नहीं आती, अपनी भाषा तो आती हैं ना।
दोस्तों जो सुकुन हमें प्रेमचंद, दिनकर, निराला जी को पढकर मिलती हैं वो शेक्सपियर को पढकर नहीं मिलेगी। कोई भाषा इंसान से बढकर नहीं हैं, हमारा विकास , हमारी पहचान, संस्कृति सब हिन्दी भाषा से जुड़ी हुई हैं। इसके लिए हमें गर्व होना चाहिए, शर्मिंदा नहीं।

हिन्दी हैं हम वतन हैं , हिन्दुस्ताँँ हमारा।
आप सभी को हिन्दी दिवस की ढेर सारी बधाईयाँ।✍️🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
मेरा ब्लॉग पसंद आए तो लाइक और शेयर करे और मेरी आगे की कहानियों को पढने के लिए मुझे फाँलो करना ना भूलें😊।

Potato and carrot soup for babies.

Potato and carrot soup is healthy, testy and weight gaining food for babies. Potato is good source of carbohydrates and vitamins and carrot is good source of vitamin A and K. Potato and carrot are root vegetables, carrot is usually orange in colour and sweet in taste. Both vegetables are very healthy for babies. Potatoes are good for weight gain so you can give your toddler. It can given in cough & cold when baby doesn’t want to eat solid food, it’s soothing you baby’s sore throat. If your baby is below one year then don’t add salt in this soup. Let’s see how to prepare this soup –
Ingredient –
1. One small carrot
2. One medium size potato
3. Butter/ ghee
4. Pinch of salt
5. Water
Method –
1. first peel the skin of potato and carrot. Then clean it with water properly and cut it into pieces.
2. Take a pressure cooker add one large cup of water add slice’s of potato and carrot, boil it till one whistle comes.
3. Take out all vegetables from cooker and blend it in blender, Take a pan heat it.
4. Add some butter in it and pour puree in pan, add water to get little thin consistency.
5. Add little salt in it, stir it 1 minute and switch off the flame.

Why we shouldn’t give cow milk before one year..

As we all know that breast milk is very important for new born. It has all nutrition which a new born requires. If mother is not able to feed breast milk due to some reasons then replace it with formulas but don’t use cow milk.

There are many reason why we shouldn’t use cow milk before one year –

1. Cow milk contains high protein and mineral, which can effect a newborn immature kidney.

2. Cow milk lacks proper amount of iron, vitamin C, and other nutrients which newborn needs.

3. Infant can’t digest cow milk easily.

Hope you like it, do share and follow me to read my blog’s.

लौकी का लाजवाब हलवा..

बचपन में जब भी मां लौकी की सब्जी बनाती तो मेरा छोटा भाई बिलकुल नहीं खाता था, उसे सिर्फ आलू की सब्जी ही पसंद थी। जबकि मुझे हरी सब्जियां बहुत पसंद थी। मां ने पड़ोस में रहने वाली रमा आंटी से इस बारे में चर्चा की तो आंटी ने मुस्करा कर कहा कि बीना इस समस्या का समाधान मेरे पास हैं । मम्मी ने खुश होते हुए कहा प्लीज़ रमा जी मुझे बताइए, इस पर आंटी ने कहा की मोटी फीस लगेगी। मां समझ गई की आंटी कुछ खाने की फरमाइश करने वाली हैं।मां ने कहा बोलिये क्या खाएंगी, तो रमा आंटी ने कहा चाय और पकौड़े।

मां ने कहा बिलकुल मिलेगी पहले आप रेसिपी बताइए, तो रमा आंटी ने कहा की मैं लौकी के हलवे की बात कर रही हूं जिसे आप गेट – टूगेदर और डेजर्ट के लिए भी बना सकती हैं। जैसा की हम सभी जानते हैं की बच्चों को हरी सब्जी खिलाना टेढ़ी खीर है, तो देर किस बात की आइये बनाते हैं लौकी का टेस्टी हलवा रेसिपी –

घीया/लौकी का हलवा –

समाग्री

1.एक लौकी मध्यम आकार

2. दूध 1 कप

3. इलाइची पाउडर

4. चीनी 2 कप

5. मावा 250 ग्राम

6. घी एक कप

हलवा बनाने की विधि –

एक मध्यम आकार की लौकी लें उसे छिल कर पानी से साफ कर लें। अब लौकी को चारों तरफ से कद्दूकस कर लें, और बीज वाला हिस्सा अलग रख दें। फिर उसे कुकर में डाल कर एक कप दूध में दो सीटी आने तक पका ले। जब लौकी अच्छी तरह से पक जाए तो उसे आंच से उतार लें फिर एक कढ़ाई ले उसमें लौकी ( जो की दूध के साथ होगी) डाल दें और चलाते हुए उसे गाढ़ा करे, जब लौकी का मिक्सचर गाढ़ा हो जाए तो उसमें आधा कप घी डालकर एक मिनट भूनें। इसके बाद उसमें चीनी डाल दे और चलाते रहे अब इसमें भुना हुआ मावा एक कप डाल दें साथ में सूखे मेवे और इलाइची पाउडर डालकर पाॅच मिनट तक चलाते हुए पकाएं, अब आंच बंद कर दें और बारीक कटे हुए काजू, बादाम और पिस्ता से गार्निश करें।

टिप्स –

1. लौकी को लागातार चलाते हुए भूनें नहीं तो हलवा कढाई के तले में लग जाएगी।

उम्मीद है ये रेसिपी आपको पसंद आएगी तो फटाफट इसे बनाएं और सभी को खिलाएं। रेसिपी पसंद आए तो लाइक शेयर और कमेंट कर जरुर बताएं और मेरी आगे की ब्लॉग को पढ़ने के लिए मुझे फाॅलो करना ना भूले।

एक युग का अंत: अटल बिहारी वाजपेयी का निधन

http://www.google .com

एक बेहतरीन इंसान, कवि, भारत रत्न प्रधामंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का आज निधन हो गया। ये एक ऐसे सक्शियत थे जिन्हें पक्ष- विपक्ष के सभी लोग प्यार करते थे। उनके नेतृत्व और भाषण कला का मुकाबला न था, राजनीति के आजातशत्रु , भीष्मपितामह और हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत रहें। अटल जी पहले विदेश मंत्री थे जिन्होंने ने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी में भाषण देकर देश का मान बढाया।

अपना जीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेकर प्रारम्भ करने वाले वाजपेयी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के पहले प्रधानमन्त्री थे, जिन्होंने गैर काँग्रेसी प्रधानमन्त्री पद के ५ साल बिना किसी समस्या के पूरे किए। वाजपयी जी कवि, पत्रकार और प्रखर वक्ता थे। सफल परमाणु परीक्षण ये अटल जी के कार्यकाल में ही संभव हुआ, कारगिल युद्ध कौन भूल सकता हैं, जब हमारी सेना ने पाकिस्तान को धूल चटा दी।

प्रधानमंत्री के रूप में अटल जी का कार्यकाल –

1.भारत को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बनाना।

2.पाकिस्तान से संबंध सुधार की पहल

3. कारगिल युद्ध

4.स्वर्णिम चतुर्भुज योजना

अटल जी की प्रमुख रचनायें –

1.मेरी इक्कावन कविताएं

2. मृत्यु या हत्या

3.संसद के तीन दशक

4.अमर आग हैं

5.अमर बलिदान

अटल जी बहुत लंबे समय तक सांसद रहे और नेहरू व इंदिरा गांधी के बाद सबसे लंबे समय तक गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री रहें। वह पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने गठबन्धन सरकार को स्थापित किया वरन सफलतापूर्वक संचालित भी कियाऔर देश के दसवें प्रधानमंत्री बने। अटल जी को उनके द्वारा लिखी गई कविता से श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं –

दोस्तों राजनीति में आज एक युग का अंत हो गया, ऐसे लोकप्रिय इंसान विरले ही पैदा होते हैं जो सारा जीवन राष्ट्र को समर्पित करते हैं आप हमसब के दिल में सदा रहेंगे, भावभीनी श्रद्धांजलि😢😢

Benefits of breastfeeding

Breastmilk provides all your nutrients to your infant which is very important for your child’s development and also has many benefits for the mother, so every mother should definitely breastfeed her newborn baby. Breast milk is the best diet for a child. Let’s see the benefits of breastfeeding –

1. By breastfeeding, the child is protected from many diseases such as colds, coughs, flu, and respiratory diseases. Mother’s milk increases the child’s disease-resistance.

2. There are all the nutrients in mother’s milk, which are very essential for the development of the child.

3. By breastfeeding, the mother’s weight also reduces and gradually she comes back to the old shape.

4. Breastfeeding creates an emotional connection between mother and child.

5. We can not give any medicines to the newborn, the treatment of every disease is only breastmilk, especially when child’s nose is closed then the only treatment is mother’s milk.

6. Breastfeeding reduces the risk of breast cancer and ovarian cancer.

7. Breastfeeding helps shrink the uterus of the mother and then go back to the state before the pregnancy.

8. Breastfeeding keeps the mother away from menstruation for a few months. that is, they do not have menstruation for two to four months.

9. Breastfeeding means that the mother’s milk is compatible with the child’s digestive system, it is easily digested.

10. Breastfeeding reduces diseases related to heart and bones.

Therefore, every mother should breastfeed her child. If you like this blog, then please Share it. Follow to read my next blog.

How to take care of dry skin in babies.

Newborn skin is very delicate and soft. Each baby has different type of skin. Some have normal, some have oily, some have dry or sensitive skin. It’s little difficult to take care of dry or sensitive skin. Let’s see how to take care of dry skin in babies.

what is dry skin?

Dry skin looks flaky, rough patches on your child’s skin. Dry skin is not itchy, if dry skin becomes itchy or red then eczema has developed in the skin.

What makes your child’s skin dry?

There are many reason behind it –

1. Bathing too often and using regular or hard soap.

2. Weather can also effect your child’s skin. Low humidity might make skin dry.

3. Hard water, salt water and chlorine water.

How to take care –Use warm water for bath, instead of 15 minutes bath cut bathing time down to about 5 minutes. Use mild soap and always pat your baby skin don’t rub. Put moisturizer after bath and 2-3 time’s a day. If still it’s drying then use thicker cream Instead of lotion. Dry skin lacks moisture, offer your child plenty to drink.

lotion for dry skin –

1. Cetaphil baby daily lotion

2. Seamed baby lotion

3. Aveeno baby daily moisture lotion

4. Johnson’s baby lotion

5. Himalaya baby lotion

Hope you like it, do comment below and follow me for my next blog.